The audio can be heard here.
श्रीसारदा-नाम-संकीर्तनम्
ध्यानम्
ध्यायेद् हृदम्बुजे देवीं तरुणारुण-विग्रहाम्।
वराभयकरां शान्तां स्मितोत्फुल्ल-मुखाम्बुजाम्॥
स्थल-पद्म-प्रतीकाश-पादाम्भोज-सुशोभनाम्।
शुक्लाम्बरधरां धीरां लज्जा-पट-विभूषिताम्॥
प्रसन्नां धर्म-कामार्थ-मोक्षदां विश्व-मङ्गलाम्।
स्वनाथ-वाम-भागस्थां भक्तानुग्रह-कारिणीम्॥
ॐ सर्व-देव-देवी-स्वरूपिण्यै श्रीसारदा-देव्यै नमः।
संकीर्तनम्
त्वं मे ब्रह्म-सनातनि मा।
सारदयीश्वरी सुभगे मा॥ ध्रु॥
१. ब्रह्मानन्द-स्वरूपिणि मा।
२. ब्रह्म-शक्ति-सुख-दायिनि मा॥
३. सच्चित्सुखमय-रूपिणि मा।
४. सृष्टि-स्थिति-लय-कारिणि मा॥
५. ब्रह्म-सुधाम्बुधि-केलिनि मा।
६. ब्रह्मात्मैक्य-शुभङ्करि मा॥
७. जीवेश्वर-भित्कौतुकि मा।
८. अगाध-लीला-रूपिणि मा॥ त्वं मे ०
९. चिन्मय-रूप-विलासिनि मा।
१०. बहिरन्तर-सुख-वर्धिनि मा॥
११. ज्ञानानन्द-प्रवर्षिणि मा।
१२. दिव्य-रसामृत-वर्षिणि मा॥
१३. मूलाधार-निवासिनि मा।
१४. सहस्रार-शिव-सङ्गिनि मा॥
१५. आद्ये शक्ति-स्वरूपिणि मा।
१६. चिति-सुख-दायिनि तारिणि मा॥ त्वं मे ०
१७. शुभ-मति-दायिनि शाङ्करि मा।
१८. दुर्गति-दुर्मति-नाशिनि मा॥
१९. महाकाल-हृदि-नर्तिनि मा।
२०. जीव-शिवान्तर-वर्तिनि मा॥
२१. जगज्जननि जय-दायिनि मा।
२२. तडिल्लसित-सौदामिनि मा॥
२३. सीतारामा-कारिणि मा।
२४. कृष्ण-राधिका-रूपिणि मा॥ त्वं मे ०
२५. कमनीयाकृति-धारिणि मा।
२६. भव-सागर-भय-हारिणि मा॥
२७. शान्ति-सौख्य-चिर-दायिनि मा।
२८. क्षान्ति-महागुण-वर्षिणि मा॥
२९. कान्ति-वराभय-दायिनि मा।
३०. गिरि-शाङ्कोपरि-वासिनि मा॥
३१. हरार्ध-नारी-रूपिणि मा।
३२. नटन-महेश्वर-सङ्गिनि मा॥ त्वं मे ०
३३. हर-हर्षोत्करि-नर्तिनि मा।
३४. सारदेश्वरी-षोडशि मा॥
३५. साधक-मानस-शोधिनि मा।
३६. सर्व-सुभाग्य-प्रसाधिनि मा॥
३७. गुह-गजमुख-जनि-दायिनि मा।
३८. एकानेक-विभागिनि मा॥
३९. हिम-गिरि-नन्दिनि लासिनि मा।
४०. सर्व-चराचर-सर्जिनि मा॥ त्वं मे ०
४१. सर्व-भवामय-वारिणि मा।
४२. सर्व-जगत्त्रय-साक्षिणि मा॥
४३. निखिलाधीश्वरि योगिनि मा।
४४. एला-गन्ध-सुकेशिनि मा॥
४५. चिन्मय-सुन्दर-रूपिणि मा।
४६. परमानन्द-तरङ्गिणि मा॥
४७. रम्य-कान्ति-चिर-धारिणि मा।
४८. समस्त-सुगुणाभूषणि मा॥ त्वं मे ०
४९. सद्गति-सन्मति-दायिनि मा।
५०. भवतारिणि करुणेश्वरि मा॥
५१. त्रिपुरे सुन्दरि मोहिनि मा।
५२. ब्रह्माण्डोदर-धारिणि मा॥
५३. प्रेमानन्द-प्रवर्षिणि मा।
५४. सर्व-चराचर-पालिनि मा॥
५५. भुवन-चतुर्दश-प्रसविणि मा।
५६. नाना-लीला-कारिणि मा॥ त्वं मे ०
५७. विविध-विभूति-विधारिणि मा।
५८. ज्ञानालोक-प्रदायिनि मा॥
५९. विश्व-क्रीडा-कौतुकि मा।
६०. विश्वाधिष्ठित-चिन्मयि मा॥
६१. मन्द-स्मित-स्मर-हारिणि मा।
६२. भक्तानुग्रह-कारिणि मा॥
६३. योग-भोग-वर-दायिनि मा।
६४. शान्ति-सुधा-निःस्यन्दिनि मा॥ त्वं मे ०
६५. भ्रान्ति-रोग-विष-हारिणि मा।
६६. कान्ति-योग-सुख-दायिनि मा॥
६७. वीर-नरेन्द्र-प्रहर्षिणि मा।
६८. समाधि-चिर-चिति-दायिनि मा॥
६९. वीर्य-बलाभय-कारिणि मा।
७०. ताप-त्रय-भय-हारिणि मा॥
७१. सर्वोत्तुङ्ग-सुवासिनि मा।
७२. प्रसन्न-वरदे भैरवि मा॥ त्वं मे ०
७३. हवन-जपार्चन-साधिनि मा।
७४. चण्डासुर-खल-घातिनि मा॥
७५. सकल-देव-जय-साधिनि मा।
७६. दुष्ट-मुण्ड-वध-कारिणि मा॥
७७. चामुण्डेश्वरि दर्पिणि मा।
७८. माहिष-दर्प-विनाशिनि मा॥
७९. माहेश्वर-सुख-वर्धिनि मा।
८०. महिषासुर-खल-मर्दिनि मा॥ त्वं मे ०
८१. त्रिगुण-त्रिलोक-त्रिरूपिणि मा।
८२. निर्गुण-सगुण-विचित्रिणि मा॥
८३. कारित-ध्यानानन्दिनि मा।
८४. दर्पण-चित्त-विभासिनि मा॥
८५. चेतो-दर्पण-काशिनि मा।
८६. नव-नव-रूप-सुदर्शिनि मा॥
८७. समस्त-लोकोद्धारिणि मा।
८८. रामकृष्ण-नव-रूपिणि मा॥ त्वं मे ०
८९. धर्म-ग्लानि-विनाशिनि मा।
९०. धर्म-स्थापन-कारिणि मा॥
९१. रम्य-सहज-पथ-दर्शिनि मा।
९२. मातृ-भाव-सुख-शोधिनि मा॥
९३. निर्मल-भक्तोत्कर्षिणि मा।
९४. दिव्याद्भुत-चरितार्थिनि मा॥
९५. रामकृष्ण-सहधर्मिणि मा।
९६. जयरामाख्य-सुवाटिनि मा॥ त्वं मे ०
९७. मृग-केसरि-वर-वाहिनि मा।
९८. दुर्ग-हिमाचल-नन्दिनि मा॥
९९. नरेन्द्र-हृदय-निवासिनि मा।
१००. लोकोत्तर-कृति-दर्शिनि मा॥
१०१. सुन्दर-रूप-विकासिनि मा।
१०२. दिव्य-गुणाकर-धारिणि मा॥
१०३. दुर्बल-सबल-सुकारिणि मा।
१०४. दुःख-दैन्य-भय-नाशिनि मा॥ त्वं मे ०
१०५. सर्व-भूत-हित-साधिनि मा।
१०६. समस्त-लोकाभय-करि मा॥
१०७. दुर्गति-नाशिनि दुर्गे मा।
१०८. नारायणि जगदाद्ये मा॥
जय जय जय जगदाद्ये मा।
नारायणि जय दुर्गे मा॥ त्वं मे ०
स्तवः
अनन्त-रूपिणि अनन्त-गुणवति अनन्त-नाम्नि गिरिजे मा।
शिव-हृन्मोहिनि विश्व-विलासिनि रामकृष्ण-जय-दायिनि मा॥
जगज्जननि त्रिलोक-पालिनि विश्व-सुवासिनि शुभदे मा।
दुर्गति-नाशिनि सन्मति-दायिनि भोग-मोक्ष-सुख-कारिणि मा॥
परमे पार्वति सुन्दरि भगवति दुर्गे भामति त्वं मे मा।
प्रसीद मातर्नगेन्द्र-नन्दिनि चिर-सुख-दायिनि जयदे मा॥
प्रणामः
यथाग्नेर्दाहिका-शक्ती रामकृष्णे स्थिता हि या।
सर्व-विद्या-स्वरूपां तां सारदां प्रणमाम्यहम्॥
इति श्रीसारदा-नाम-संकीर्तनं समाप्तम्॥
śrīsāradā-nāma-saṁkīrtanam
dhyānam
dhyāyed hṛdambuje devīṁ taruṇāruṇa-vigrahām|
varābhayakarāṁ śāntāṁ smitotphulla-mukhāmbujām||
sthala-padma-pratīkāśa-pādāmbhoja-suśobhanām|
śuklāmbaradharāṁ dhīrāṁ lajjā-paṭa-vibhūṣitām||
prasannāṁ dharma-kāmārtha-mokṣadāṁ viśva-maṅgalām|
svanātha-vāma-bhāgasthāṁ bhaktānugraha-kāriṇīm||
om sarva-deva-devī-svarūpiṇyai
śrīsāradā-devyai namaḥ|
saṁkīrtanam
tvaṁ me brahma-sanātani mā|
sāradayīśvarī subhage mā||
1. brahmānanda-svarūpiṇi mā|
2. brahma-śakti-sukha-dāyini mā||
3. saccit-sukhamaya-rūpiṇi mā|
4. sṛṣṭi-sthiti-laya-kāriṇi mā||
5. brahma-sudhāmbudhi-kelini mā|
6. brahmātmaikya-śubhaṅkari mā||
7. jīveśvara-bhitkautuki mā|
8. agādha-līlā-rūpiṇi mā|| tvaṁ me …
9. cinmaya-rūpa-vilāsini mā|
10. bahirantara-sukha-vardhini mā||
11. jñānānanda-pravarṣiṇi mā|
12. divya-rasāmṛta-varṣiṇi mā||
13. mūlādhāra-nivāsini mā|
14. sahasrāra-śiva-saṅgini mā||
15. ādye śakti-svarūpiṇi mā|
16. citi-sukha-dāyini tāriṇi mā|| tvaṁ me …
17. śubha-mati-dāyini śāṅkari mā|
18. durgati-durmati-nāśini mā||
19. mahākāla-hṛdi-nartini mā|
20. jīva-śivāntara-vartini mā||
21. jagajjanani jaya-dāyini mā|
22. taḍillasita-saudāmini mā||
23. sītārāmā-kāriṇi mā|
24. kṛṣṇa-rādhikā-rūpiṇi mā|| tvaṁ me …
25. kamanīyākṛti-dhāriṇi mā|
26. bhava-sāgara-bhaya-hāriṇi mā||
27. śānti-saukhya-cira-dāyini mā|
28. kṣānti-mahāguṇa-varṣiṇi mā||
29. kānti-varābhaya-dāyini mā|
30. giri-śāṅkopari-vāsini mā||
31. harārdha-nārī-rūpiṇi mā|
32. naṭana-maheśvara-saṅgini mā|| tvaṁ me …
33. hara-harṣotkari-nartini mā|
34. sāradeśvarī-ṣoḍaśi mā||
35. sādhaka-mānasa-śodhini mā|
36. sarva-subhāgya-prasādhini mā||
37. guha-gajamukha-jani-dāyini mā|
38. ekāneka-vibhāgini mā||
39. hima-giri-nandini lāsini mā|
40. sarva-carācara-sarjini mā|| tvaṁ me …
41. sarva-bhavāmaya-vāriṇi mā|
42. sarva-jagattraya-sākṣiṇi mā||
43. nikhilādhīśvari yogini mā|
44. elā-gandha-sukeśini mā||
45. cinmaya-sundara-rūpiṇi mā|
46. paramānanda-taraṅgiṇi mā||
47. ramya-kānti-cira-dhāriṇi mā|
48. samasta-suguṇābhūṣaṇi mā|| tvaṁ me …
49. sadgati-sanmati-dāyini mā|
50. bhavatāriṇi karuṇeśvari mā||
51. tripure sundari mohini mā|
52. brahmāṇḍodara-dhāriṇi mā||
53. premānanda-pravarṣiṇi mā|
54. sarva-carācara-pālini mā||
55. bhuvana-caturdaśa-prasaviṇi mā|
56. nānā-līlā-kāriṇi mā|| tvaṁ me …
57. vividha-vibhūti-vidhāriṇi mā|
58. jñānāloka-pradāyini mā||
59. viśva-krīḍā-kautuki mā|
60. viśvādhiṣṭhita-cinmayi mā||
61. manda-smita-smara-hāriṇi mā|
62. bhaktānugraha-kāriṇi mā||
63. yoga-bhoga-vara-dāyini mā|
64. śānti-sudhā-niḥsyandini mā|| tvaṁ me …
65. bhrānti-roga-viṣa-hāriṇi mā|
66. kānti-yoga-sukha-dāyini mā||
67. vīra-narendra-praharṣiṇi mā|
68. samādhi-cira-citi-dāyini mā||
69. vīrya-balābhaya-kāriṇi mā|
70. tāpa-traya-bhaya-hāriṇi mā||
71. sarvottuṅga-suvāsini mā|
72. prasanna-varade bhairavi mā|| tvaṁ me …
73. havana-japārcana-sādhini mā|
74. caṇḍāsura-khala-ghātini mā||
75. sakala-deva-jaya-sādhini mā|
76. duṣṭa-muṇḍa-vadha-kāriṇi mā||
77. cāmuṇḍeśvari darpiṇi mā|
78. māhiṣa-darpa-vināśini mā||
79. māheśvara-sukha-vardhini mā|
80. mahiṣāsura-khala-mardini mā|| tvaṁ …
81. triguṇa-triloka-trirūpiṇi mā|
82. nirguṇa-saguṇa-vicitriṇi mā||
83. kārita-dhyānānandini mā|
84. darpaṇa-citta-vibhāsini mā||
85. ceto-darpaṇa-kāśini mā|
86. nava-nava-rūpa-sudarśini mā||
87. samasta-lokoddhāriṇi mā|
88. rāmakṛṣṇa-nava-rūpiṇi mā|| tvaṁ me …
89. dharma-glāni-vināśini mā|
90. dharma-sthāpana-kāriṇi mā||
91. ramya-sahaja-patha-darśini mā|
92. mātṛ-bhāva-sukha-śodhini mā||
93. nirmala-bhaktotkarṣiṇi mā|
94. divyādbhuta-caritārthini mā||
95. rāmakṛṣṇa-sahadharmiṇi mā|
96. jayarāmākhya-suvāṭini mā|| tvaṁ me …
97. mṛga-kesari-vara-vāhini mā|
98. durga-himācala-nandini mā||
99. narendra-hṛdaya-nivāsini mā|
100. lokottara-kṛti-darśini mā||
101. sundara-rūpa-vikāsini mā|
102. divya-guṇākara-dhāriṇi mā||
103. durbala-sabala-sukāriṇi mā|
104. duḥkha-dainya-bhaya-nāśini mā|| tvaṁ …
105. sarva-bhūta-hita-sādhini mā|
106. samasta-lokābhaya-kari mā||
107. durgati-nāśini durge mā|
108. nārāyaṇi jagadādye mā||
jaya jaya jaya jagadādye mā|
nārāyaṇi jaya durge mā|| tvaṁ me …
stavaḥ
ananta-rūpiṇi ananta-guṇavati ananta-nāmni girije mā|
śiva-hṛnmohini viśva-vilāsini rāmakṛṣṇa-jaya-dāyini mā||
jagajjanani triloka-pālini viśva-suvāsini śubhade mā|
durgati-nāśini sanmati-dāyini bhoga-mokṣa-sukha-kāriṇi mā||
parame pārvati sundari bhagavati durge bhāmati tvaṁ me mā|
prasīda mātarnagendra-nandini cira-sukha-dāyini jayade mā||
praṇāmaḥ
yathāgnerdāhikā-śaktī rāmakṛṣṇe sthitā hi yā|
sarva-vidyā-svarūpāṁ tāṁ sāradāṁ praṇamāmyaham||
iti śrīsāradā-nāma-saṁkīrtanaṁ samāptam||